मिले तो तुम कभी नहीं
मेरी हसरत क्यों भड़काई बेवजह
कि तुम बिना जिए अगर
हुआ कैसे ना ये जीना राएगां.
दरिया मेरे दिल का ये बहता ना
दुखी दिल की सदा कुछ ये कहता ना
इसकी ख़ामोशी की तू वजह है ना
दिल से तंग आ गया, यही सज़ा है ना.
उल्फ़तों में नहीं कोई पैमाना
मेरे अपनों का मुझसे ये कहना था
सुरमई तेरी आँखों में बह जाना
क्या पता तेरे ग़म में ही रहना था.
क्यों यूँ सहते सहते
दिल को ग़म खा चुका मेरी जान
क्यों यूँ रहते रहते
दिखे ना कोई दिशा.
क्यों यूँ सहते सहते
दिल को ग़म खा चुका मेरी जान
क्यों यूँ रहते रहते
दिखे ना कोई दिशा.
जो तू ने नहीं तो ऐसा मैं चेहरा
कि जिसकी खूबसूरती मन्द पड़ती हो
ऐसा मैं दरिया जो बहना ना चाहे
जो तू ने नहीं तो ऐसा मैं चेहरा
कि जिसकी खूबसूरती मन्द पड़ती हो
ऐसा मैं दरिया जो बहना ना चाहे.
दरिया मेरे दिल का ये बहता ना
दुखी दिल की सदा कुछ ये कहता ना
इसकी ख़ामोशी की तू वजह है ना
दिल से तंग आ गया, यही सज़ा है ना
उल्फ़तों में नहीं कोई पैमाना.
मेरे अपनों का मुझसे ये कहना था
सुरमई तेरी आँखों में बह जाना
क्या पता तेरे ग़म में ही रहना था
ऐसा मैं दरिया जो बहना ना चाहे.
Written by Asfar Hussain